वे पत्रकार जो निम्नलिखित कसौटियों पर खरे उतरते हों:
स्वतंत्र पत्रकार, जिनका किसी मीडिया संस्थान के साथ पूर्णकालिक जुड़ाव न हो. ‘स्वतंत्र पत्रकार’ की श्रेणी में हम दो तरह के पत्रकारों को गिनते हैं:
पहला, आप एक ऐसे सक्रिय पत्रकार हों, जिनके लिए आय का प्राथमिक स्रोत पत्रकारिता है. लेकिन, आप किसी संस्थान के साथ पूर्णकालिक तौर पर न जुड़े हों और न ही आपको कर्मचारियों को मिलने वाली वेतन जैसी सुविधाएं हासिल हो।
दूसरा, आप किसी पत्रकारिता संस्थान से पढ़कर निकले हों और फ़िलहाल आप मीडिया संस्थान या किसी भी तरह के दूसरे संस्थान में पूर्णकालिक तौर पर काम न करते हों।
1. टेक्स्ट फ़ेलोशिप के लिए आपका स्टोरी आइडिया 400 शब्दों से कम का होना चाहिए.
2. आपका सीवी (बायोडाटा) अंग्रेज़ी में और पीडीएफ़ फॉर्मैट में होनी चाहिए.
3. अब तक छपे किसी बेहतरीन काम का एक नमूना हमें ज़रूर भेजें. प्रकाशित काम का हमें असंपादित कॉपी भेजें. अगर अब तक आपकी रिपोर्ट कहीं नहीं छपी है तो हमें PDF या MS वर्ड फ़ाइल में कम से कम 400 शब्दों की कोई अप्रकाशित रिपोर्ट भेजें.
फ़िलहाल, हम उन स्टोरीज़ के लिए आवेदन स्वीकार कर रहे हैं, जो हिंदी के प्रिंट, डिजिटल और हिंदी मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रकाशित हो सकें.
स्टोरी विस्तार से लिखी गई हो, दावों को पुष्ट करने के लिए सबूत हों और उसके लिए भली भांति पड़ताल की गई हो. स्टोरी इनमें से कुछ भी हो सकती है. कोई खोजी रिपोर्ट जो नई जानकारी/ तथ्य बताती हो, ख़बरों का विश्लेषण या फिर न्यूज़ फ़ीचर. आप जहां रिपोर्टिंग करते हैं, उस इलाक़े के बारे में यह कोई बारीक जानकारी देने वाली भी हो सकती है.
हम ऐसी स्टोरी के लिए फ़ेलोशिप देते हैं, जो त्वरित न हो. मतलब, किसी ताज़ा घटना की रिपोर्टिंग तक ही वह सीमित न रह जाए. हमारी कोशिश है कि प्रशासन, समाज और राजनीति के व्यापक संदर्भ के साथ उसे जोड़कर देखा जाए.
हम ऐसे निबंधों और विश्लेषणों से परहेज़ बरतते हैं, जिसमें विस्तृत रिपोर्टिंग का अभाव हो.
स्टोरी इनमें से किसी एक विषय या आपस में जुड़े कुछ विषयों को लेकर की जा सकती है. यह सूची एक संदर्भ की तरह है. इस सूची से बाहर के विषयों पर भी आप प्रस्ताव बनाकर भेज सकते हैं.
1. कोविड-19 के दौर में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अब तक सरकार की कैसी प्रतिक्रिया रही है. अगर इसकी तीसरी लहर आती है तो स्थानीय, ज़िला, राज्य या केंद्र सरकार की तरफ़ से कितनी तैयारी है.
2. जनस्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर सरकार और नागरिकों के बीच किस तरह की जागरुकता आई है? क्या नई चुनौतियां खड़ी हुई हैं.
3. सामूहिक संसाधन के बंटवारे और इस पर क़ब्ज़ेदारी का मामला. प्राकृतिक संसाधनों को लेकर चल रहे विवाद.
4. भ्रष्टाचार
5. जलवायु परिवर्तन. किसी इलाक़े के जलवायु में हो रहे ताज़ा बदलाव को लेकर कोई नज़रिया. जंगलों की कटाई, नदियों की सफ़ाई, बाढ़, सूखा आदि.
6. विकास परियोजनाओं और प्राकृतिक संसाधनों के बीच के टकराव.
7. स्थानीय स्तर पर खेती में आए कुछ अहम बदलाव. किसानों के सामने नई चुनौतियां.
8. सुशासन या कुशासन
9. लोगों के अधिकार और रोज़ी-रोटी के सवाल
10. सामाजिक सुरक्षा क़ानूनों और बुनियादी सेवाओं का क्रियान्वयन
11. सामाजिक समरसता और उसकी नई चुनौतियां
12. नागरिक और मौलिक अधिकार
13. समाज में होने वाले बदलावों को रेखांकित करने वाले तथ्यात्मक विवरण
हम चाहते हैं कि रिपोर्टिंग के दौरान आप तस्वीरें भी खींचें और स्टोरी में उनका इस्तेमाल करें. साक्षात्कार की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग आपके पास हो. रिकॉर्डिंग दो वजहों से अहम है.
पहली, स्टोरी छपने के समय सबूत के तौर पर संपादक आपसे यह मांग सकते हैं.
दूसरी, अगर टेक्स्ट स्टोरी के अलावा इसे दूसरे मल्टीमीडिया फॉर्मैट में तब्दील करने की ज़रूरत पड़े तो उसके लिए ज़रूरी सामग्री आपके पास हो.
1. पक्का कर लें कि आपने सिर्फ़ स्टोरी का मोटा-मोटा आइडिया न भेजा हो.
2. पहले से कुछ काम करके रखें. बुनियादी शोध कर लें. आगा-पीछा खंगाल लें. ताज़ा अपडेट देख लें. रिपोर्टिंग का शुरुआती खाका बना लें. इससे स्टोरी आइडिया बेहतर तरीक़े से आप भेज पाएंगे.
3. सुनिश्चित कर लें कि वह स्टोरी पहले कहीं और प्रकाशित न हुई हो. अगर किसी ऐसे विषय पर आप स्टोरी करना चाहते हैं, जिन पर पहले भी लिखा जा चुका है, तो यह ज़रूर देखें कि उसमें आप नया क्या कहने जा रहे हैं. क्या बदला है, कौन-सा नया संदर्भ जुड़ा है. यह बहुत ज़रूरी है. आपकी स्टोरी में नयापन होना चाहिए.
4. सुनिश्चित कर लें कि स्टोरी का जो आइडिया आप भेजने वाले हैं, उसे आप पूरी कर पाने में सक्षम हैं. उससे जुड़े सबूत आप जमा कर सकते हैं. उसके लिए ज़रूरी खोज-बीन आप कर सकते हैं.
1. जिस विषय पर आप रिपोर्ट करना चाहते हैं, उससे जुड़े घटनाक्रम या उसमें हुए ताज़ा बदलाव.
2. घटना का ताज़ा संदर्भ ज़रूर बताएं. (इससे ज्यूरी को आपके आइडिया को चुनने में आसानी होगी)
3. बताएं कि यह विषय क्यों मायने रखता है. इसे ऐसे समझें कि इस विषय पर अपडेट लेने वाले पाठक को आप रिपोर्ट या विश्लेषण से क्या नया देने वाले हैं? वह इसे क्यों पढ़ें?
4. हमें इस बात का एहसास दें कि आपके पास विषय से जुड़े कौन से सबूत, आंकड़े पहले से हैं. अगर आपको यह फ़ेलोशिप दी जाती है तो आप और क्या जमा करना चाहेंगे.